Rajasthan New Toll Policy by RSRDC board. अगर आपके पास कार है और विभिन्न कामों की वजह से आप कई शहरों में आवागवन करते होगें। जिससे यहां हाईवे पर टोल प्लाजा मिलता है। राजस्थान में अब टोल नीति में बड़ा बदलाव कर दिया गया है। जो हर किसी को जरूर जानना चाहिए। आपको बता दें कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार विकास कार्यों कर रही है, और लोगों के सुविधाओं के लिए नीतियों में बदलाव कर रही है। जिसका असर प्रदेश में दिखने लगा है।
इस कड़ी में राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधीन आने वाले प्रदेश के 108 टोल पर ऐसे कई बदलाव किए गए हैं। जो बड़ा असर डालेंगे। सामने आई जानकारी के मुताबिक संवेदकों को 1 साल से अधिक अवधि में यह टेंडर नहीं मिलेंगे। मौजूदा समय में बात करें तो टाल का टेंडर 2 साल के लिए होता है। लेकिन यहां पर विभिन्न तरह की शिकायतें मिलने के बाद राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव किया है।
2 साल के बजाए अब 1 साल के लिए मिलेगा टेंडर
राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने मीटिंग कर टोल नीति में कई ऐसे अहम बदलाव किए गए हैं। टोल के टेंडर में सीधा असर डालेंगे। इसमें अगर किसी संवेदक को 1 साल की अवधि के लिए टोल दिया जाता ।है तो यहां पर अधिकतम तीन माह की बढ़ेगा।
प्रदेश की उपमुख्यमंत्री और सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दिया कुमार ने एक बैठक कर यह बड़ा फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री के अध्यक्षता में हुई बोर्ड के बैठक में ऐसे कई निर्णय लिए गए हैं। जो आने वाले दिनों में टोल नीति को लेकर बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसमें डिप्टी सीएम ने कई प्रकार के निर्देश दिया है। जिसके बारे में यहां पर आप जान सकते हैं।
प्रदेश की उपमुख्यमंत्री ने दिए ये बड़ा आदेश
हर टोल पर मिले फास्टैग की सुविधा- तो वही यहां पर ऐसे टोल केन्द्रों पर फास्टैग की सुविधा नहीं लगी है, यहां पर सुविधा जल्द से जल्द शुरू की जाए। इतना ही नहीं उपमुख्यमंत्री ने कहा है, कि टोल प्लाजाओं पर श्रेणी वार टोल की दरों दिखनी चाहिए, जिसके लिए बोर्ड भी लगाए जाएं।
निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए नहीं कराना होगा रजिस्ट्रेशन-यहां पर निविदा प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा लोग भाग ले पाएं, तो ठेकेदार की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है।
सिर्फ एक साल के लिए मिलेगा टोल का कॉन्ट्रेक्ट– यहां पर एक बड़ा फैसला लिया गया है, जिससे पहले टोलल की कॉन्ट्रेक्ट की अवधि 2 वर्ष भी जो अब घटाकर 1 वर्ष कर दी गई है, जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा।