आखिरकार खुलकर बोले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, नोटबेन पर हिला दी संसद
आखिरकार देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोट बंदी के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ ही दी। नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी को लेकर संसद में मचे संग्राम के बीच आज देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मामले पर अपने खुले विचार रखे हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि हम नोटबंदी के खिलाफ बिलकुल नहीं है। लेकिन इससे जो आम आदमी को तकलीफ हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सरकार के इस कड़े रूख से पूरी तरह असहमत हैं।
सिंह ने कहा कि नोटबंदी की वजह से अब तक देश में 60-65 लोगों की मौत हो चुकी हैं। उनकी मृतकों की जिम्मेदारी कौन लेगा। पूर्व पीएम ने सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी की वजह से मुद्रा सिस्टम से लोगों का भरोसा उठ सा गया है।
देश की अर्थव्यवस्था को भी बहुत नुकसान पहुंचा है। नोटबैन की वजह से देश में सभी प्रकार के छोटे उद्योग खत्म हो गए हैं। उन्होंने कहा नोटबंदी को लागू करने मेंपूरी तरह से फेल रहा पीएमओ।
इससे पहले जब बुधवार को लोकसभा में नोट बंदी पर सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध और रोष के दूर होने की थोड़ी सी संभावना तब नजर आई जब प्रश्नकाल के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी सदन में दिखे। हालांकि कार्यवाही के शुरू होते ही विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की भी मांग को लेकर वेल में पहुंच कर वहां नारेबाजी करने लगे।
इस दौरान पीएम मोदी चुपचाप संसद के हंगामे को देखते और सुनते रहे और करीब 10 मिनट तक सदन में मौजूदगी के बाद बाहर निकल गए। हंगामे और नारेबाजी के बीच ही वहां सूचना प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू की विपक्ष से काफी तीखी नोकझोंक हुई।
प्रधानमंत्री मोदी कार्यवाही शुरू होने से कुछ पल पहले ही सदन में पहुंचे थे। इसी के बीच संसद भवन परिसर में नोट बंदी के फैसले को लेकर प्रदर्शन करने वाले एक जुट विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के कई नेताओं ने तो उसी समय तत्काल प्रधानमंत्री मोदी के बयान की भी मांग की। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुपचाप बैठे रहे और हंगामे का नजारा लेते रहे।