अब बैंक और ज्वेलर्स के CCTV आधार पर काले धन वालों की जांच : पढ़ें
मेरा नजरिया
देश में नोटबंदी के प्रधानमंत्री को आम जनता का समर्थन भी मिला है तो कहीं विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
ऐसी को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री द्वारा कालाधन जैसी डायन से छुटकारे के लिए आम जनता के साथ ही सभी सरकारी गैर सरकारी और नेताओं द्वारा भी आहुति देनी होगी। नोटबंदी से कालाधन जितना आना चाहिए था उतना शायद नहीं आ पाए। क्योकि देश में भ्रष्ट लोगों को सुधारने के लिए समय की जरुरत होती है। एक साथ सुधारना शायद हजम भी नहीं हो। देश लाइन में खड़ा है लेकिन कुछ फीसदी बैंक कर्मचारी लापरवाह है।
बैंक कर्मचारी अगर अपना काम मुस्तैदी के साथ देश हित में करें तो शायद नजारा कुछ और ही देखने को मिले।
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1 . कहाँ कहाँ हो रहा कालाधन सफ़ेद : बैंक में अपनों के लिए और कुछ प्रतिशत के आधार पर ,
2 . लोगों को लाइन में लगाकर भी अपने कालेधन को प्रतिदिन के टारगेट के आधार पर सफ़ेद किया जा रहा है।
3 . किसी परिचित के बैंक खाते में या गरीब को थोड़ा लालच देकर कालाधन सफ़ेद किया जा रहा है
4 . बड़े संस्थान , विद्यालय अपनी समिति में डोनेशन आदि में लगाकर ,
5 . निजी चिकित्सालय , उद्योग और कुछ पेट्रोल पंप वाले भी इसमें पीछे नहीं है।
6 . कुछ ज्वेलर्स द्वारा सोना खरीदकर भी कालाधन सफ़ेद किया जा रहा है।
7 .
यह सभी वो लोग या संस्था , उद्योग है जो आईटी द्वारा पकड़े जाने के आधार पर लिए गए है।
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30 दिसम्बर बाद ऐसी हो कार्यवाही
कालाधन को पकड़ने के लिए यह नोटबंदी सही है मगर भारतीय अपने जुगाड़ के जरिये बचने का प्रयास हमेशा करने की कोशिश करते है और कुछ सफल भी हो जाते है। इसके लिए सरकार अगर थोड़ी सी सख्ती बरते तो काले से सफ़ेद हुआ धन भी राजकोष में जमा हो सकता है।
ऐसे हो कार्यवाही :
सभी ज्वेलर्स के बैंक खाते में पुराने नोट जमा के आधार पर उनके ग्राहक की डिटेल मांगी जाए और ग्राहक की ही खरीददारी की हैसियत आंकी जाए। CCTV फुटेज के जरिये भी ग्राहक की पहचान हो।
बैंकों में अपने लोगों को पैसे देने की शिकायत और कई लोगों के पकड़े जाने के बाद उनसे नए नोटों की गड्डिया बरामद हुई है। ऐसे में घपला सिर्फ बैंक कर्मचारी ही करेंगे। बैंकों के CCVT को खंगाला जाए जिसमे रोजाना आमद की नकदी की समीक्षा हो। ग्राहक के अनुसार उन्हें रोजाना निकासी राशि से गुना करके भी आँका जा सकता है। लेकिन ग्राहक की गणना सिर्फ CCTC के आधार पर ही हो। क्योकि फर्जी ID के जरिये भी घपला किया जा सकता है। जिन संस्थानों में डोनेशन इसी साल करोड़ों जमा हुआ है उन्हें भी जाँच के घेरे में रखा जाए। जिन बैंक खातों में अब तक कुछ नहीं जमा होता था। आज उनमे अचानक जमा हुयी राशि का विवरण लेकर जड़ तक जाने की कोशिश हो।
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बैंक की डिटेल और सोना खरीद की जानकारी सही मिल जाने मात्र से ही काले धन का खुलासा होगा। और राजकोष में इजाफा होगा।
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