पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के सरकार के फैसले से बैंकों में नकदी जमा करने की ‘बरसात’ हो गई है। जल्द ही इसका बहुत बड़ा फायदा आम लोगों को भी मिलेगा और ये फायदा होगा सस्ते लोन के रूप में। एक अनुमान के अनुसार अभी तक बैंकों के पास चार लाख करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।
खाताधारक को मिलेगा फायदा
नोटबंदी के बाद से ही लोग अपना कैश जमा कराने के लिए बैंकों की तरफ भाग रहे हैं। सभी बैंकों के पास इससे इतना नकद जमा हो रहा है कि उन्होंने डिपॉजिट रेट्स में भी कटौती शुरू कर दी है। अब इसके बाद बारी है सस्ते लोन की । इस तरीके से रिजर्व बैंक की बाद अरसे से चली आ रही यह शिकायत भी जल्द दूर हो जाएगी कि बैंक उसके रेट कट का सम्पूर्ण फायदा कस्टमर्स को नहीं दे रहे। दिल्ली और दूसरी कई बड़ी जगहों पर बैंकों के पास बुधवार को नकद खत्म हो गया, लेकिन इसी बिच कुछ शहरों के बैंक की ब्रांचों के बाहर लाइन छोटी होने की भी खबरें आईं।
आर्थिक हालत सुधरेगे
भारतीय स्टेट बैंक ने एक साल से 455 दिनों के डिपॉजिट दर को घटाकर 6.90 प्रतिशत कर दिया है। उसने इसमें 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं, बैंक ने 211 दिन से 365 दिन के जमा के लिए डिपॉजिट दर को पहले के 7 प्रतिशत पर बनाए रखा है। यह उन लोगों के लिए कुछ अच्छी खबर नहीं है जो अभी बैंकों में पैसे जमा करा रहे हैं, लेकिन इससे कुछ ही हफ्तों में सभी लोन सस्ते होने लगेंगे। इससे आर्थिक स्तर को उछाल मिलेगा, जिससे जीडीपी ग्रोथ भी बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें : पैसे वाले एटीएम का पता, बिलकुल भी नहीं होगी समस्या
एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य का कहना है , ‘सभी रेट्स कम होंगे। बैंकों के पास काफी नकदी जमा आ रहा है, लेकिन लोन की मांग बहुत कम है। कुछ समय बाद लोन की दरें बहुत कम होंगी।’ प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर की रात 500 और 1,000 रुपये के सेवाओं को छोड़कर नोटबंदी एलान के। सरकार ने यह कदम ब्लैकमनी, नकली मुद्रा और करप्शन पर लगाम लगाने के लिए उठाया है।
यह भी पढ़ें : क्या वाकई में 2000 का नोट रंग छोड़ रहा है।क्या है हकीकत : देखें विडियो
अनुमानित सर्वे के बाद से बैंकों के पास अब तक 4 लाख करोड़ रुपये का जमा आ चुका है। यह बहुत बड़ी रकम है, इसका अंदाजा आप लगा सकते है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 30 दिसंबर तक 10 लाख करोड़ रुपये का नकद जमा बैंकों में आने की बात कही थी। भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी सभी बैंकों को बुधवार तक 1 लाख करोड़ रुपये का जमा मिल चुका था। देश के सभी बैंकिंग मार्केट के 25 प्रतिशत हिस्से पर एसबीआई और उसके सभी सहयोगी बैंकों का एकछत्र कब्जा है। प्राइवेट बैंकों में एक्सिस ने दरें घटाने की पहल की है। एक्सिस बैंक ने लोन की दरों में 0.15-0.20 प्रतिशत की कमी की है। बैंक अब सिर्फ 9.05 पर्सेंट का ब्याज लेगा। लेकिन यह एसबीआई के 8.90 पर्सेंट से ज्यादा है।