शुक्रवार 24 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर जब नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर में 112 फीट ऊँची शिव प्रतिमा का अनावरण किया था। तो उसी शाम शिल्पी तिवारी नामक महिला ने नरेंद्र मोदी को ट्वीट करके यह कहा- “मुझे आपका शिव स्टोल चाहिए।” मोदी ने यह शिव स्टोल कोयंबटूर में पूजा के दौरान भगवान शिव की तस्वीर बना हुआ पीकॉक ब्लू कलर का स्टोल पहना हुआ था। शिल्पी के ट्वीट करने के महज 21 घंटे बाद ही मोदी ने अपना यह शिव स्टोल शिल्पी तिवारी को भेज दिया। लोगों ने इस काम के लिए मोदी की तारीफ भी की। आपको यह बता दें कि सोशल मीडिया पर भाजपा के सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु सहित नाम मात्र के लोग ही ट्वीट का तुरंत जवाब देते हैं। लेकिन पीएम मोदी ने स्टाल के साथ एक साइन किया हुआ खुद का प्रिंटआउट भी भेजा …
– शिल्पा तिवारी ने नरेंद्र मोदी को येकिया था ट्वीट , “मुझे आपका शिव स्टोल चाहिए।”
– गजब तो यह हुआ की अगले ही दिन शिल्पा तिवारी को मोदी की तरफ से भेजा हुआ शिव स्टोल मिल गया।
– इसके साथ ही मोदी के साइन किया हुआ एक प्रिंटआउट भी मिला।
– इस खुशी को शिल्पा तिवारी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया।
– उन्होंने यह भी ट्वीट किया, “आधुनिक भारत के कर्मयोगी के द्वारा आशीर्वाद पाकर में बेहद खुश हूं। पीएम नरेंद्र मोदी हर रोज मीलों चलते हैं।”
– “पीएम नरेंद्र मोदी ने मुझे अपना आशीर्वाद भेजा है एक दिन पहले मैंने उन्हें ट्वीट कर उनका शिव स्टोल मांगा था। क्या मैं यह सपना तो नहीं देख रही।”
– साथ ही ये भी लिखा, “स्टोल के साथ उनका साइन किया एक चित्र भी आया। क्या आप यह कल्पना कर सकते हैं कि एक पीएम आपकी बात सुनते हैं और उनमे वक्त निकालकर उसका व्यक्तिगत रूप से भी जवाब देते हैं।”
– “मैं आश्चर्यचकित हूं। मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि में इसका जवाब कैसे दूं। मतलब कमाल ही कर दिया।”
सोशल मीडिया इस बात के लिए भी लोगों ने भी जमकर तारीफ की
– The Masakadzas (@Nesenag) ने लिखा- “शिल्पा तिवारी, आप बहुत लकी है। हम सभी को जलाने के लिए थैंक्स।”
– रीता सिंह (@Rita_2110) ने लिखा, “पीएम को हैट्स ऑफ करती हूं।वाकई जबरदस्त काम है। मुझे जलन भी हो रही है। शानदार स्टोल है।”
– वरुण यादव (@varunyadav29) ने लिखा, “गजब है। जिस दिन ट्वीट किया, उसी दिन डिलिवरी भी आ गई। वो सभी को प्यार करते हैं।”
पीएम मोदी ने किया था ‘आदियोगी’ शिव की 112 फीट प्रतिमा का इनॉगरेशन
– मोदी ने शुक्रवार 24 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर यहां के ईशा योग केंद्र में शिव की आदियोगी 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था।
– प्रतिमा को ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने ही डिजाइन किया है। मोदी ने जग्गी वासुदेव के साथ ही मंदिर की परिक्रमा की।
– इस जगह को ‘ध्यानलिंगा’ के नाम से भी कहा जाता है। आदियोगी की प्रतिमा को पत्थर की जगह स्टील के कुछ बड़े टुकड़े जोड़कर एक देसी तकनीक से तैयार किया गया है।
– भगवान शिव को ही आदियोगी या दुनिया का पहला योग गुरू या ध्यान गुरु भी कहा जाता है।
– साथ ही मोदी ने “वासुदेव जी और बाकी लोगों का यहाँ अनावरण में बुलाने के लिए शुक्रिया भी अदा किया । देवों में कई देव हैं लेकिन शिव को ही देवों का देव महादेव कहा जाता है। इसके अनेक मंत्र हैं लेकन शिव के मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है। अनेकों रात्रि हैं लेकिन शिव की इस रात्रि को ही महाशिवरात्रि कहा जाता है। मैं सोमनाथ की धरती से हूं। लेकिन इस राजनीति ने मुझे सोमनाथ से विश्वनाथ मतलब काशी तक पहुंचाया। मैं जहां भी जाया करता हूँ वहां शिव मेरे साथ ही होते हैं।”
योग जिव्हा से शिवा तक का सफर है। योग से व्यक्ति समस्ति तक पहुंचता है। यही योग है। अनेकता में एकता भारत की पहचान है।”