इस दिन पड़ रही है सोमवती अमावस्या! पूजा में कहीं हो ना जाए भूल, जानें लें सही विधि

Somvati Amavasya 2024

Somvati Amavasya 2024.देश में ऐसी कोई त्यौहार और पावन पर्व मनाया जाते हैं। जो हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष कर होते हैं। मान्यता है कि इन्हें मनाने पर जीवन सुखमय और विशेष फलदायी साबित होता है। आने वाले अगले पावन पर्व में सोमवती अमावस्या आने वाली है।  तो वही इस साल सोमवती अमावस्या का पावन पर्व 2 सितंबर को मनाई जाएगी। तो वही विशेष संयोग में भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष अमावस्या इस बार सोमवार को पड़ रही है। जिससे यहां पर हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है।

आप को बता दें कि जानकारी सोमवार पर पड़ने वाले इस अमावस्या पर बड़ा योग मान रहे है। जिससे यहां पर लोग खास तरीके से पूजा-पाठ कर सकते हैं, जो आप को यह व्रत विशेष फलदायी हो सकता है। यहां पर आप को बताते हैं, इस भाद्रपद या सोमवती अमावस्या की पर शुभ मुहूर्त के बारे में जिससे आप खास तरीके से पूजा कर पाएं और विधि जान सकते हैं।

यहां पर आप जान लें पूजा के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:29 AM से 05:14 AM
  • प्रातः सन्ध्या- 04:51 AM से 05:59 AM
  • अभिजित मुहूर्त- 11:56 AM से 12:47 PM
  • विजय मुहूर्त- 02:29 PM से 03:19 PM
  • गोधूलि मुहूर्त- 06:43 PM से 07:06 PM
  • सायाह्न सन्ध्या- 06:43 PM  से 07:51 PM
  • अमृत काल- 12:48 PM से 02:31 PM
  • निशिता मुहूर्त- 11:59 PM से 12:44 PM, सितम्बर 01

ये रही व्रत व पूजा विधि की जानकारी

दरअसल आप को बता दें कि सोमवती अमावस्या का पर्व महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। जिससे सी मान्यता है कि इस दिन जो महीला व्रत करती है, तो पति की आयु लंबी होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यहां पर आप इस तरीके से व्रत व पूजा विधि कर सकती है।

  •  महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं।
  • इसके बाद में यहां पर गणेश जी को प्रणाम करें।
  • अब आप प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
  • तो वही इस पूजा के दौरान फल, फूल और मिठाई का भोग अर्पित करें
  • अब महिलाएं व्रत कथा सुनती हैं। वे भगवान शिव, पार्वती और विष्णु की पूजा करती हैं।
  •  अब लास्ट में भोग लगाने के बाद क्षमा प्रार्थना करें।

महिलाएं करें इस पेंड़ की पूजा

इसमें कोई दोराय नहीं है, कि पीपल के वृक्ष को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। तो वही खास बात यह है, कि इसे भगवान विष्णु का प्रतीक भी माना जाता है। जिससे यहां पर पूजा के जानकार बताते हैं, कि सोमवती अमावस्या के दिन महिलाएं विशेष रूप से पीपल वृक्ष की पूजा करें।

जिससे यहां पर  विशेष रूप से महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की मंगल कामना करते हुए पीपल के वृक्ष की पूजा करती हैं और उसके चारों ओर फेरी लगा सकती है।

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