Tasty और Healthy Buscuit Parle G के (G) के पीछे की कहानी जानिए, G for….?

Parle Biscuit काफ़ी पॉपुलर बिस्किट है. बच्चे से लेकर बड़े- बूढ़े तक यह बिस्किट खाते है. सन 1929 में यह बिस्किट बाजार में आया था. इसे साल 1938 में Parle Gloco के नाम से लाया गया. आजादी से पहले इसका नाम ग्लूको ही था. परंतु साल 1980 के बाद इसके नाम में परिवर्तन हुआ. और यह ParleG बन गया.

अगर कोई बिस्किट की बात करता है. तो सबसे पहले parle G का ही नाम सबकी जुबां पर आता है. इस बिस्किट से सभी रूबरू है. आपने भी एक ना एक बार तो यह बिस्किट जरूर खाया होगा. परंतु क्या आप जानते हैं कि इसके नाम के पीछे G का क्या मतलब है. कई लोग तो जी का मतलब जीनियस कहते है. एक बिस्किट से लोगों की पुरानी यादें भी जुड़ी है. बिस्किट का नाम सुनते ही सभी अपने बचपन में खो जाते है.

Second world war के समय की बात की जाए तो यह बिस्किट सैनिकों का मनपसंद बिस्किट हुआ करता था. इस बिस्किट की शुरुआत सन 1929 में हुई थी. छोटे-छोटे बच्चे भी इस बिस्किट को चाय के साथ खाया करते थे. बच्चे ही क्यों बड़े बूढ़े भी इसे काफ़ी पसंद किया करते है. आज भी इस बिस्किट को लोग शौक से खाते है. बिस्किट के इतने ब्रांड आने के बाद भी इसका दोर है. आज भी लोग इसे खाना पसंद करते है.

इस बिस्किट को गेहूं से बनाया जाता था. परंतु आजादी के बाद जब गेहूं की कटौती हुई तो इसका निर्माण होना बंद हो गया. जब बाद में इस बिस्किट का उत्पादक किया गया. तो मार्केट में कई सारे बिस्किट के ब्रांड आ चुके थे. बाद में इसका नाम parle G रखा गया.और G का मतलब glucose से है. जैसे यह पहले हुआ करता था.

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