तलाक के बढ़ते मामलों को देख कानून मंत्री सदानंद गौड़ा से महिला एवं बल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मुलाकात कर शादी से पूर्व लिखित समझोते को एक क़ानूनी प्रक्रिया में जोड़ने पर विचार किया। अगर कानून पर सबकी राय बनती है तो तलाक संबंधित कानून में प्रावधान जोड़ेंगे।
तलाक के बाद संपत्ति पर मालिकाना अधिकार का ब्यौरा। इस लिखित समझोते को क़ानूनी मान्यता से दोनों पक्षों को फायदा होगा।
अभी अगर पुरुष तलाक लेना चाहे तो उसे कई प्रकार की अव्यवहारिक मांगे पूरी करनी होती है। वही संबंध बिगड़ने पर महिला तलाक चाहती है और आगे के जीवन को लेकर अनिश्चित रहती है। शादी से पूर्व करार की प्रक्रिया यहाँ नहीं है और फ़िलहाल यह पश्चिम देशों में बड़े पैमाने पर है।
हमारे देश में तलाक लेने की प्रणाली बहुत ही जटिल और पीड़ादायी है तलाक की कार्यवाही के दौरान दोनों पक्षों में आर्थिक तथा मानसिक स्थिति ख़राब रहती है।
शादी से पहले की लिखत प्रणाली कुछ हद तक मदद कर सकती है