जुवेनाइल बिल राजयसभा में पास, अब नाबालिग की उम्र जघन्य अपराधो मे 16 साल!
आखिरकार जिस बिल को लेकर पूरा देश और निर्भया के माता – पिता अम्मीद लगाये थे वो पुरे दिन की बहस के बाद पास हो गया।
जुवेनाइल जस्टिस बिल में अपराधी किशोर की उम्र 18 से 16 कर दी गई है
अब वयस्क अपराधी की तरह ही नाबालिग पर केस चलेगा और 16 की उम्र में जघन्य अपराधों में सजा 10 साल होगी।
बिना कोई संसोधन के सदन में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पेश किया था। हालाँकि कम्युनिष्ट पार्टी के सांसदों ने वोटिंग की शुरुआत से पहले ही सदन से वॉकआउट किया। कम्युनिष्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा की कानून निर्माताओ के तौर पर भावनाओ में आकर फैसला लेना उचित नहीं है। यह बिल पास होने के लिए सलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाये, लेकिन उपसभापति ने तत्काल उनकी इस मांग को ख़ारिज कर दिया।
येचुरी ने कहा की अगर 14 साल के नाबालिग ने निर्भया के साथ ऐसा घृणित कार्य किया इसका मतलब नाबालिग की उम्र सीमा भी 14 साल कर देंगे।
जुवेनाइल जस्टिस बिल
निर्भया की माँ ने कहा की मुझे तसल्ली है पर दुःख इस बात का है की निर्भया को इंसाफ नहीं मिला। निर्भया के माता पिता और उनके साथ सैकड़ों लोग बिल को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
राजयसभा में बिल पर बहस के समय निर्भया के माता पिता भी मौजूद रहे. निर्भया के माता पिता मुख़्तार अब्बास नकवी से भी मिले जहाँ उन्होंने उम्मीद जताई की बिल संसद से पास हो जायेगा।
बिल की आवश्यकता क्यों पड़ी :-
संसद में बिल पेश होने को लेकर सरकार ने कहा की मौजूदा कानून में जघन्य अपराध में नाबालिग की उम्र 18 से कम करके 16 करनी चाहिए।
रेप हत्या जैसे मामलों में 16 साल के अपराधियों को भी सजा वयस्क के बराबर मिलनी चाहिए। जुवेनाइल जस्टिस कानून 2000 में कुछ खामियों के चलते पेश नहीं हो सका था। वहीँ राष्ट्रिय अपराध ब्यूरो के अनुसार अपराधो की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है जिनमे अपराधी की उम्र 16 या 18 से कम है। अपराध ब्यूरो के अनुसार 16 से 18 साल की उम्र के बीच के अपराधियों की संख्या में 54 फीसदी से 66 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
वेंकैया नायडू का कहना है की यह कानून जनता के दबाव से पास हो गया इससे लोगों में ख़ुशी है अगर में खुलकर कहु तो यह कहना है की जनता के दबाव और मूड की बदौलत ही राजयसभा में बिल पर चर्चा हुई और पास हुआ है।