विवाह पूर्व परामर्श कार्यक्रम का आगाज
जयपुर- पति-पत्नी के बीच कलह,तनाव और तलाक के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में राजस्थान राज्य महिला आयोग ने एक अलग पहल की है। जिसमे आयोग प्रदेश के अविवाहित युवक-युवतियों को वैवाहिक जीवन के बारे में समझाएगा। आयोग का दावा है कि देश में राजस्थान ही पहला ऐसा राज्य है, जहां युवाओं के लिए यह काउंसलिंग शुरू की गई है।
इस विवाह पूर्व परामर्श कार्यक्रम की शुक्रवार को शुरुआत हुई। महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने कहा कि विवाह से पहले परामर्श नहीं मिलने के कारण कई बार शादी के कुछ दिन बाद ही युवक-युवती कोर्ट और पुलिस थानों के चक्कर लगाने लगते हैं। बदलते परिवेश में युवाओं में विवाह को लेकर अनेक शंकाएं भी रहने लगी हैं और कई युवा विरक्त होकर वैकल्पिक रास्ते तलाशने लगते हैं। समाज में इसके दुष्परिणाम देखे जा रहे हैं। अब विवाह पूर्व परामर्श से पति-पत्नी के बीच दरार के मामलों और अपराधों में कमी आएगी। कार्यक्रम की शुरुआत के साथ ही कुछ युवक-युवतियों को परामर्श भी दिया गया।
यह है काउंसलिंग प्रक्रिया
परामर्श लेने के लिए कोई भी युवक-युवती पंजीयन करा सकेंगे। इसके बाद आयोग में महीने में एक दिन आयोग अध्यक्ष, दो सदस्यों, एक काउंसलर, एक साइकोलॉजिस्ट की टीम बैठेगी। पंजीकरण कराने वाले युवाओं को संबंधित तिथि पर बुलाकर निशुल्क काउंसलिंग दी जाएगी।