बैंकों से माँगा पीछे के गेट से दिए पैसों का हिसाब! जल्द भेजें CCTV फुटेज
प्रधानमंत्री के द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले लेने के बाद अब तक कालाधन सफ़ेद करने और गलत तरीके से नोटों की अदला-बदली जैसे कई मामले सामने आए हैं। यह भी खबर है कि इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। एक सर्कुलर जारी कर सभी सरकारी और निजी बैंकों को आदेश दिया गया है कि वे करेंसी चेस्ट से निकलने वाले सभी नए नोटों की मूवमेंट को ट्रैक करें।
आपको बता दें कि ऐसी खबरें भी आईं कि खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने बैंकों में चल रही गड़बड़ियों को जांचने के लिए करीब 500 निजी और सरकारी बैंक की शाखाओं का स्टिंग ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन की 400 कैमरा रिकॉर्डिंग सीडी भी पहुंचने के दावे समाने आए।
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डिप्टी गवर्नर का कहना है , बैंक के कर्मचारी बधाई के पात्र आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंदड़ा के अनुसार , हमने बैंकों को सेन्ट्रल डाटा चेकिंग को लेकर कुछ अहम् दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने यह भी कहा, मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि नोटों की हेराफेरी में कुछ बैंक की शाखाओं के कर्मचारी भी शामिल थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद बहुत सारे बैंक के कर्मचारियों ने जी-जान से देश के लिए काम किया। उनका यह प्रयास बधाई के काबिल है।
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रिज़र्व बैंक ने सभी बैंकों को जारी किए दिशानिर्देश
1. एक रिपोर्टिंग सिस्टम बनाकर करेंसी चेस्ट्स से निकलने वाले सभी नए नोटों को ट्रैक किया जाए।
2. वे करेंसी चेस्ट और लिंक शाखाओं के स्तर पर महात्मा गांधी सीरीज के जारी सभी नए नोटों का ब्योरा रखें।
3. जाली नोटों को मार्केट में फैलाने में जुटे कई गलत लोगों की पहचान के लिए बैंक शाखा को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखें।
4. 8 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंक शाखा और करंसी चेस्ट्स में काम के दौरान सीसीटीवी रिकॉर्डिंग्स अग्रीम आदेश तक सुरक्षित रखें।
5.कोई भी जरूरत पड़ने पर CCTV फुटेज जांच के लिए मांगे जा सकते हैं ताकि एजेंसियां नोटों की हेराफेरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकें।