सोनम गुप्ता बेवफा नहींहै ।यह तो मोदी जी की साजिश है : पढ़ें पूरी खबर

सोनम   गुप्ता बेवफा नहींहै । यह तो मोदी जी की साजिश है : पढ़ें पूरी खबर   
sonam gupta bewfa hai

सनम बेवफा फिल्म आने के बाद से किसी एक सिरफिरे आशिक़ ने प्यार में चोट खाकर एक 10 के नोट पर लिख दिया “सोनम बेवफा है “


उस नोट की किसी ने फोटो खिंच ली और इन्टरनेट पर डाल दी। फिर क्या होना है आज सोनम गुप्ता इतनी प्रसिद्द हो गई की प्रत्येक नोट पर सोनम गुप बेवफा है लिखा मिल जायेगा , इतना ही नहीं विदेशी मुद्रा पर भी यह प्यार का दर्द भरा स्लोगेन लिखा मिल जायेगा।

सोनम गुप्ता बेवफा है एक ऐसा नाम है जिसको सुनने मात्र से ही पब्लिक के जहन में वो 10 का नोट यद् आएगा जिस पर लिखा हुआ था।  सिक्कों पर भी यह लिखा मिल जायेगा।  यहाँ तक की अब तो लोग लिखने लग गए की सोनम गुप्ता की भुआ की लड़की पूनम गुप्ता भी बेवफा है

कल ट्विटर पर सोनम गुप्ता बेवफा है भी ट्रेंड कर रहा था , वहीँ एक सख्स ने केजरीवाल के अंदाज में लिखा “सोनम गुप्ता बेवफा नहीं है – यह तो मोदी जी की साजिश है “

यहाँ तक की लोग एटीएम की स्लिप पर भी लिखने लग गए की यह भावुक क्र देने वाली बात है क्योकि सोनम गुप्ता बेवफा है।

 

किसी ने केजरीवाल को आड़े हाथो लिया तो किसी ने राहुल को भी नहीं छोड़ा , यहाँ तक की अमित शाह और मोदी पर भी चर्चा का विषय बना दिया।

 यह है इसके पीछे की कहानी। 

बात है दो हजार आठ की। कांग्रेस की सरकार ने दो साल लेट करके केंद्रीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का तोहफा दिया था। दो साल बाद मिले इस तोहफे ने सरकारी कर्मचारियों को मालामाल कर दिया था। क्योंकि साथ में दो साल पीछे से जोड़कर पैसा मिला था। टन्नू भैया के पापा भी केंद्रीय कर्मचारी थे। घर वालों को टन्नू भैया से बड़ी उम्मीदें थी। पैसा आया तो टन्नू भैया को जयपुर पढ़ने के लिए भेजा गया।

उनके बाप टन्नू भैया को गांव का पहला इंजीनियर बनाकर इतिहास रचना चाहते थे। टन्नू भैया आएं जयपुर। हॉस्टल में रहने लगे। मन नहीं लगता था ब्वॉयज् हॉस्टल में। उनको हरियाली का बड़ा शौक था। हरी भरी चीजों में उनका मन लगता था। प्रकृति के प्रेमी थे। प्रकृति द्वारा किए संरचना के दीवाने थे। वो लड़कियों को प्रकृति की सबसे सुंदर संरचना मानते थे।
टन्नू भैया ने हॉस्टल छोड़ दिया। शहर के एक मकान में रहने लगे। राजा पार्क में उनका कमरा था। बहुत ही शानदार जगह पर घर लिया था टन्नू भिया ने। बीच में सड़क और सड़क के दोनों तरफ मकान। उनके सामने वाले घर में एक दुकान थी। नीचे दुकान और ऊपर परिवार वाले रहते थे। आए हुए कुछ दिन ही हुए थे कि एक दिन प्रकृति की सबसे सुंदर संचरना पर भिया की नजर गई। नजर पड़ी और भिया के दिल में तूफान आ गया। वो ठहरे रहे और जमीं चलने लगी टाइप।
जिनको भिया ने देखा था वो दुकान वाले गुप्ता जी की बेटी सोनम थीं। सोनम बहुत ही मासूम, भोली, बहुत अच्छी लड़की और संस्कारी थी। मतलब भिया इतने तेज थे कि पहली झलक में ही शादी तक सोच डाला। रात भर नींद नहीं आई। अंगड़ाई लेते रहे। करवटे बदलते रहे सारी रात हम, आपकी कसम…।
दूसरे दिन सोनम से फिर नजरे मिलीं। इस बार भिया को सोनम ने भी देखा था। भिया शरमा के सर झुका लिए। इबादत में। तीसरे दिन भिया ने फिर सोनम को देखा। इस बार सोनम ने नजरे झुकाई और फिर उठाकर देखी। भिया को मानो करंट मार गया हो। भिया मिनटों तक ताकते रहे। एक टक। पता नहीं क्या-क्या हो गया उन्हें। इतने में सोनम नीचे चली गई। भिया के लिए ये सबसे यादगार दिन था। भिया को उस दिन सिर्फ लाल-लाल दिख रहा था। क्योंकि भिया के मित्र विष्णु ने बताया था कि जब प्यार होता है तो सबकुछ लाल-लाल दिखता है। भिया को प्यार हो गया था, वो भी सच्चा वाला। सोनम गुप्ता से।
इस दिन भिया ने दिनभर केवल गाना ही सुना। सिर्फ एक गाना। नजरें झुक कर उठी तो अदा बन गई। नुसरत फतह अली खान वाला। भिया की हालत ऐसी हो गई थी कि छोटी-छोटी राते लंबी हो जाती है…..जब किसी से किसी को प्यार होता है…।
भिया को अब पता करना था कि उनकी प्यार का नाम क्या है? भिया ने पड़ोस के लड़के से नाम पूछा और सोनम को वो अब अपना मानने लगे। नाम पता चला तो जुड़ाव दोगुना हो गया। निश्चल प्रेम था भिया का।
भिया अब प्यार में पड़ गए थे। महान दार्शनिक वीरेद्र सहवाग के मुताबिक प्यार में पड़ा हुआ लड़का किसी काम का नहीं होता है। इस हिसाब से भिया अब किसी काम के नहीं थे। भिया अब अपने प्यार को परिभाषित करने की सोचने लगे। छत पर नयनमटक्का जारी था। इसी बीच भिया को इतना बड़ा झटका लगा कि वो भी लेहमन ब्रदर्स की तरह दिवालिया हो गए।
हुआ यूं कि भिया सोनम की एक भी झलक पाने का मौका नहीं छोड़ते थे। भिया को पता था कि सोनम रविवार को सुबह-सुबह जल्दी ट्यूशन जाती है। भिया नींद खराब कर उठ गए सोनम के दीदार के लिए। सुबह का समय था गुप्ता जी टहलने गए थे। तभी सोनम ट्यूशन जाने के लिए घर से निकली और कुछ देर पैदल चलने के बाद एक जगह खड़ी हो गई। भिया को लगा कि मेरे इंतजार में खड़ी है। भिया सोचने लगे कि आज से प्यार को परिभाषित करेंगे हम और सोनम। तबतक सोनम के पास एक बाइक आकर रुकी और सोनम उसपर बैठ कर जाने लगी। सोनम सिर्फ बाइक पर बैठ कर जा नहीं रही थी, भिया की बसी-बसाई जिंदगी को लेकर जा रही थी। इस सच्चाई को भिया संभाल नहीं पाए। टूट गए भिया।
भिया समझ गए थे कि धनबल, बाहुबल के अलावा भी एक बल होता है जो उनके पास नहीं है। और वो था वाहनबल।
भिया से यह दुख झेला नहीं गया। भिया ने इसका बदला लेने का सोचा। भिया ग्रामीण थे। तरीका भी अनोखा खोजा। इतंजार करने लगे कि किस दिन सोनम दुकान पर आकर बैठती है। एक दिन वह समय भी आ गया जब गुप्ता जी शहर में नहीं थे और दुकान पर सोनम को बैठना पड़ा। सोनम को दुकान पर बैठा देख भिया कमरे से निकल कर सीधे सोनम की दुकान जा पहुंचे और एक धुम्रपान दंडिका खरीदी। इसके बदले में भिया ने दस का नोट मोड़ कर दिया जिसपर लिखा था सोनम गुप्ता बेवफा है।
भिया ने नोट भी दिया और एक हारे हुए आशिक की तरह मैसेज भी कि तुम्हारे गम में मैं सिगरेट भी पीने लगा हूं। सोनम गुप्ता की दुकान से निकल कर यह नोट इंटरनेट पर वायरल हो चुका है। सोनम की गुप्ता जी ने शादी कर दी है औऱ भिया गांव के पहले इंजीनियर बन कर इतिहास रचते हुए सबसे ज्यादा दहेज पाने वाले बेरोजगार भी बन गए हैं।
 
 
                                                                                                 अभिषेक तिवारी
 

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