नई दिल्ली। जल्द रिलीज होने वाली फिल्मों में एक नाम KGF Chapter 2 का भी है। जल्द ही लोगों का मनोरजन करने के लिए ये फिल्म बड़े पर्दे पर आने वाली है। इसके साथ ही इन दिनों हमारे देश में गोल्ड माइन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। क्योंकि देश की सबसे बड़ी सोने की खदान ‘कोलार गोल्ड फील्ड’ पर ही केजीएफ चैप्टर 2 की कहानी घूमती है।
वही आज हम आपको एशिया की दूसरी सबसे बड़ी खदान कुमटोर गोल्ड माइन के बारे में बताएंगे। इस लिस्ट में पहले नंबर पर पेरू की यानाकोचा खदान आती है।
बता दे लगभग 20 सालों से कुमटोर गोल्ड माइन को लेकर किर्गिस्तान सरकार और कनाडाई खनन कंपनी सेंटर्रा गोल्ड के बीच लड़ाई चल रही थी। लेकिन अब लड़ाई जीते हुए किर्गिस्तान देश ने मध्य एशिया की सबसे बड़ी सोने की खदानों में से एक, कुमटोर गोल्ड माइन पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है।
खबरों की माने तो किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सदिर जापरोव ने अप्रैल महीने की शुरुआत में राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए कहा था की ‘हमने इस विवाद को सुलझाने के लिए सेंटर्रा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके चलते कुमटोर अब पूरी तरह से किर्गिस्तान के स्वामित्व में है।
किर्गिस्तान को कैसे होगा मुनाफा
गोल्ड माइन पर पूरी तरह से नियंत्रण के बाद किर्गिस्तान को 53 मिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है। इतना ही नही अब कनाडाई कंपनी सेंटर्रा संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीडन और कनाडा इसके खिलाफ सभी मुकदमे खत्म कर देगी। अगर इस सोने के खदान की लोकेशन की बात करें तो ये जमा टीएन शान मेटलोजेनिक बेल्ट में स्थित है। जिसको एशियाई गोल्ड बेल्ट के नाम में भी जाना जाता है।