कानपूर का जगन्नाथ मंदिर! जहाँ मिलती है वर्षा की सटीक भविष्यवाणी
उत्तर प्रदेश की औधोगिक नगरी कानपुर जहाँ भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर सदियों से वर्षा की सटीक भविष्यवाणी के मामले में विख्यात है।
बेहटा गांव में स्थित इस मंदिर की छत से पानी की बून्द टपकती है उसी से किसान अंदाजा लगा लेते है की वर्षा कब और कैसी रहेगी।
वर्षा का संकेत चिलचिलाती धूप में छत के टपकने से मिलता है और वही छत वर्षा के अंदर बिलकुल सूख जाती है।
पुरातत्व विभाग ने समस्त नमूने लेकर सर्वेक्षण किये लेकिन इसकी उम्र और हकीकत का अंदाजा तक नहीं लगा। मंदिर का अंतिम जीर्णोद्धार अनुमान से 11 वीं सदी बताया जाता है। इस मंदिर की बौद्ध मठ आकार वाली दीवारें 14 फ़ीट चौड़ी है। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ और सुभद्रा की मूर्तियां है। सूर्य और पद्मनाभम की भी मूर्तियां इसके प्रांगण में है मोर और चक्र के निशान से अंदाजा लगाया जाता है की चक्रवती सम्राट हर्षवर्धन के काल का बना हो सकता है। दिनेश शुक्ल जो मंदिर के पुजारी है उनका कहना है की यहाँ पानी के टपकने और मंदिर की आयु की जाँच के लिए कई दफा वैज्ञानिक आये लेकन कोई भी वास्तविक निर्माण समय और पानी टपकने का रहस्य नहीं सुलझा पाये।
किसानो का कहना है की मंदिर में बून्द गिरने का देखकर ही हल लेकर खेतों में चले जाते है और बून्द की जितनी मोटाई होती है बारिश भी उतनी ही ज्यादा होती है। लेकिन यहाँ आमतौर पर गांव के लोग ही दर्शन करने आते है।