काले धन पर नकेल कसने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट पर मंगलवार रात्रि को प्रतिबंध का ऐलान किया है। पुराने नोट पर यह प्रतिबंध मंगलवार आधी रात से ही बंद हो रहे हैं। लेकिन फिर भी कुछ ऐसी जगह हैं, जहां इनका इस्तेमाल 11 नवम्बर तक किया जा सकता है…
– पेट्रोलपंप , डीजल और सीएनजी की बिक्री के लिए भी 11 नवंबर तक पुराने नोट स्वीकार करने की छूट रहेगी। इन सभी को स्टॉक और बिक्री की सूचना रखनी होगी।
– 11 नवंबर आधी रात तक आप रेल, सरकारी बस और एयरलाइंस के टिकट बुकिंग में दे सकते है
– 11 नवंबर की रात 12 बजे तक सभी सरकारी निजी क्लिनिक पर डॉक्टर की पर्ची पर अस्पतालों में इलाज के लिए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट दे सकते है
– लेकिन डॉक्टर के दिए गए पर्चे पर भी इन पुराने नोटों से दवा खरीदने की सुविधा मात्र 72 घंटे तक उपलब्ध रहेगी
– केंद्र या राज्य सरकार द्वारा प्रमाणित को-ऑपरेटिव संस्थानों बैंको में भी 11 नवंबर की आधी रात तक पुराने नोट स्वीकार करने की छूट रहेगी। लेकिन ऐसी संस्थाओं को अपने स्टॉक और बिक्री की सूचना तुरंत अपडेट देनी पड़ेगी
घबराने की जरूरत नहीं, उठाएं ये स्टेप्स
500 और 1000 के नोटों के अलावा बाकी सभी प्रकार के नोट और सिक्के नियमित हैं और उनसे लेन-देन होता रहेगा – आपके पास 30 दिसम्बर तक 50 दिनों का समय है। 500 और 1000 के पुराने नोट 10 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक आप अपने खाताधारी बैंक या डाकघर के खाते में जमा करवा सकते हैं-और किसी कारणवश अगर आप 30 दिसंबर तक भी ये नोट जमा नहीं कर पाए, तो आपको एक बार आखिरी अवसर भी दिया जाएगा। जिसमे आप रिज़र्व बैंक में भी घोषणा पत्र के साथ जमा करवा सकते है।
ये है नोट पर प्रतिबंध लगने का इतिहास
– सन 1946 में 10 हजार के नोट पर प्रतिबंध लगाया गया था।- सन 1954 में इन्हें फिर से शुरू कर दिए गए थे , साथ ही में 5 हजार रुपए के नोट भी शुरू किए थे- लेकिन सन 1954 से लेकर 1978 तक 5 और 10 हजार के नोट चलन में थे- सन 1978 में इन पर फिर से सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया गया- भारतीय 5 रुपए के सिक्कों की तस्करी बांग्लादेश में ब्लेड बनाने के लिए की जाती थी। 5 रुपए के सिक्के से 2-2 रुपए कीमत के छह ब्लेड बनजाते थे। फिर इसके बाद में भारत सरकार ने धातु बदल दी सिक्का बनाने में इस्तेमाल होने वाली ।