नोटबंदी के बाद 500 और 2000 के नए नोटों को बैंकों के द्वारा चलन में लाने के दो हफ्ते के अंदर ही कई तरह की खामियां उन नोटों में सामने आ रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई लोगों में ऐसी कन्फ्यूजन पैदा हो रही है। इसके अतिरिक्त नकल की भी संभावना बहुत बढ़ रही है। जबकि विमुद्रीकरण और नए 500 और 2000 के नोटों को मार्केट में लाने के पीछे का मकसद ही सरकार का नकली नोटों पर लगाम लगाना था।
देखें : प्रतिभा का एक नमूना! फाइटर प्लेन बना, खेत से ही भराई उड़ान : देखें विडियो
असली नोट भी एक दूसरे से अलग हैं
अब तक ऐसे अनेक मामले सामने आए हैं, जिनमें 500 रुपये के नए नोट्स पाए गए जो एक दूसरे से अलग लग रहे है । कई नोटों में तो गांधी जी के चेहरे का एक से ज्यादा शैडो भी नजर आता है। इसके अलावा राष्ट्रीय चिह्न के अलाइनमेंट के साथ ही सीरियल नंबरों में भी गड़बड़ी है। नए नोटों की किनारी का आकार भी अलग-अलग हैं। वहीं, 2,000 रुपये के नोट में अलग-अलग हलके और गहरे रंग के आ रहे हैं। इनमें कइ नोटों में शेड हल्का तो कई का गहरा ज्यादा है।
देखें : सो रही प्रेमिका पर प्रेमी ने छोड़े 2 जिन्दा सांप! फिर क्या हुआ : देखें विडियो
छपाई में जल्दबाजी हो सकती है कारण
आरबीआई की प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया कि ऐसा लगता है कि जल्दबाजी के कारण उन नोटों को भी जारी कर दिया गया हैं, जिनमें प्रिंटिंग की कुछ कमियां रह जाया करती है । लेकिन लोग बिना किसी झिझक के इन नोटों से लेन-देन कर सकते हैं या अगर उनको ज्यादा गड़बड़ी लगती है तो आरबीआई को जल्द लौटा भी सकते हैं।
चलाए जा सकते हैं नकली नोट
इधर एक्सपर्ट्स के अनुसार 500 और 2000 के नए नोटों में विभिन्नता नजर आने के चलते से मार्केट में नकली नोटों को भी आसानी से चलाया जा सकता है। इसके अलावा कई जानकारों का तो यह कहना है कि लोगों को नोट पर सारे फीचर को समझने में बहुत ही दिक्कत होती है और नोट लेने से पहले एक-एक चीज चेक कर भी नहीं पाते हैं। ऐसे में अगर मार्केट में अलग-अलग नोट नजर आते हैं तो लोगों को असली और नकली में फर्क करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।